बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती को मां शारदे, वीणा वादिनी जैसे कई नामों से जाना जाता है। मां सरस्वती का वास विद्या के साथ होता है इसलिए खास तौर पर हर एक शैक्षणिक संस्थानों में उनकी पूजा जाती हैं। उनकी पूजा के लिए विशेष पंडाल लगाए जाते हैं और विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति में उनकी पूजा और आराधना की जाती है।

सरस्वती विद्या और कला की देवी हैं तो उनकी पूजा का अवसर हो और गीत और भजन की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता है। मां सरस्वती की पूजा का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है और आज तक उनकी पूजा बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ की जाती है। आम तौर पर उनकी पूजा कि विधि में संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है ।

क्या है बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 6.40 बजे से दोपहर 12.12 बजे तक
पंचमी तिथि प्रारंभ: मघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त: रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक

बसंत पंचमी के दिन ऐसा करें !

1- बसंत पंचमी को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। आज के दिन पीले वस्त्र पहनना चाहिए, शुभ माना जाता है।

2- बसंत पंचमी के दिन बिना नहाए भोजन नहीं करना चाहिए। मां सरस्वती की पूजा अराधना के बाद ही कुछ खाना चाहिए।

3- बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए।

4- बसंत पंचमी के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए, इस दिन किसी को गलत शब्द ना बोलें। ऐसा करने से पितृ को कष्ट पहुंचता है।

5- बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। आज के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।

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